रात मुझसे मिलने कुछ दोस्त घर आए
गले मिलने आए थे, लाठियां लेकर आए
सुबह तलक मुहब्बत टपकती है माथे से
मज़ा आए जो इलज़ाम भी मेरे सर आए
रात मुझसे मिलने कुछ दोस्त घर आए
गले मिलने आए थे, लाठियां लेकर आए
सुबह तलक मुहब्बत टपकती है माथे से
मज़ा आए जो इलज़ाम भी मेरे सर आए