एक आस, एक कोशिश, फिर मायूसी
एक शाम, एक मैं, चार-सू उदासी
एक राह, एक कदम, एक ठोकर
कैसी चाहत, कैसा दिल, बस एक पत्थर
एक प्याला, एक सागर, एक साकी
पूरी हो कमी जो अब तक है बाकी
एक घर, जहां दीवारें करें सरगोशी
एक तुम, एक मैं, हमें घेरे ख़ामोशी
मेरा शाना, तेरी जुल्फें, वक़्त ए विदाई
किस्मत में बाद उसके लिखी जुदाई