पुरानी यादों से महफ़िल सजाते हैं, आओ शराब पीते हैं, सो जाते हैं
आज फिर किसी को याद आते हैं, आओ शराब पीते हैं, सो जाते हैं
हद्द-ए-दर्द-ए-जाँ से गुज़र जाते हैं, आओ शराब पीते हैं, सो जाते हैं
दिया नहीं, उसकी तस्वीर जलाते हैं, आओ शराब पीते हैं, सो जाते हैं
जश्न अपनी बर्बादी का मनाते हैं, आओ शराब पीते हैं, सो जाते हैं
पोंछ आंसुओं को, मुस्कुराते हैं, आओ शराब पीते हैं, सो जाते हैं
जाने वालों को रास्ता दिखाते हैं, आओ शराब पीते हैं, सो जाते हैं
या फिर सपनों में बुला सताते हैं, आओ शराब पीते हैं, सो जाते हैं
रेखाओं का अपनी मातम मनाते हैं, आओ शराब पीते हैं, सो जाते हैं
छोड़ हौसला, थक के बैठ जाते हैं, आओ शराब पीते हैं, सो जाते हैं
जो सामने हो उसे झुठलाते हैं, आओ शराब पीते हैं, सो जाते हैं
जो है अदृश्य, उसे सच बताते हैं, आओ शराब पीते हैं, सो जाते हैं