कहती कुछ नहीं वैसे तो बेबाकी हमारी
सुन सको तो सब बोल देगी चुप्पी हमारी
हम दोनों की चाहत में था बस इतना फ़र्क
उसकी पहली मुहब्बत थी, आखिरी हमारी
पता चल ना जाए ज़माने भर को इस लिए
छुपा लीं हमने आंखें भीगी भीगी हमारी
रहेगी याद हमारे बाद आने वालों को यह
सर कटाया, मगर बच गई पगड़ी हमारी
दिला चुके थे यकीं कि भूल गए हैं उसको
दगा दे गई मगर यारों इक हिचकी हमारी
नहीं यकीं तो पूछ लो इन खाली बोतलों से
किस ऐश से कटी ये दिलकश दूरी हमारी
इलज़ाम आए किसी पर तड़प उठते हैं हम
क्या हज़ार तिनकों से बनी है दाढ़ी हमारी
जिसको रक्खा हमने रखवाली के वास्ते
वही चौकीदार चुरा ले गया बकरी हमारी