रंग दुनिया के बदलते देखे
दिल पत्थर पिघलते देखे
रौशनी की तलाश में हमने
घर कितने ही जलते देखे
आजमाते दुश्मनों को क्या
दोस्त सारे बदलते देखे
ख़्वाब जितने देखे हमने
पा-ए-वक्त कुचलते देखे
तरक्की के भूखे लोगों के
पांव यहां फिसलते देखे
दिन भर रहे चमकते जो
सूरज वो भी ढलते देखे