तारों से सजी है ये रात, इन्तज़ार तुम्हारा है
मन में दबी हुई एक बात, इन्तज़ार तुम्हारा है
बाहर टपकती है शबनम, अंदर मेरे आँसू
मौसम ने भी लगायी घात, इन्तज़ार तुम्हारा है
वादा था कि आओगे बारिश के मौसम में
आज बिन मौसम बरसात, इन्तज़ार तुम्हारा है
मेरे हाथों की मेहन्दी की पुकार सुनो जानाँ
आँगन तक आ गयी बारात, इन्तज़ार तुम्हारा है
मेरे सपने लेते गए साथ अपने तुम परदेस
वापस ले आओ ये सौग़ात, इन्तज़ार तुम्हारा है