कट गया है हमारा जंगल
शहर हो गया सारा जंगल
पंछियों का शोर था इसमें
अब सन्नाटे का मारा जंगल
मीठे दरिया सा बहता था
हुआ समंदर खारा जंगल
तेरी खुशबू जब तक थी
था मेरा गुलज़ारा जंगल
खबर थी तेरी आमद की
बड़े जतन से संवारा जंगल
कितनी यादें थीं मत पूछ
कैसे हमने बिसारा जंगल
‘ओझल’ जाने कहाँ गुम हुआ
जो था कभी पियारा जंगल