सितारा हूँ कोई चाँद हूँ या रात हूँ मैं
अपने तसव्वुर में एक कायनात हूँ मैं
लड़ता रहा उम्र भर अपने आप से मैं
अपनी ही ज़ात के सौ सानेहात हूँ मैं
मेरा यक़ीन मानो मेरा यक़ीं ना करना
रास्ता नहीं हूँ एक पुल-सिरात हूँ मैं
उम्मीदें हैं बहुत मेरे घरवालों को मुझसे
तुम भले ही कहो कि वाहियात हूँ मैं
इतनी आसानी से मुझे समझोगे कैसे
फ़क़त शेर नहीं हूँ कुल्लियात हूँ मैं
मर कर भी ना मिलेगा चैन मुझको यारों
एक जिस्म में दफ़्न सौ ख़्वाहिशात हूँ मैं