लिखना चाहता हूं एक कविता
तुम्हारे होंठों पर।
एक छोटी सी कविता
बहुत लयबद्ध नहीं,
छंदमुक्त
परन्तु भावावेग से परिपूर्ण
पहाड़ी झरनों सी उन्मुक्त।
बहुत मशहूर नहीं
लेकिन,
कुछ ऐसी जो तुम बहुत दिनों तक
अकेले में बार बार पढ़ो
और याद रखो।
एक कविता तुम्हारे होंठों पर
लिखना चाहता हूं
अपने होंठों से मैं।