घने अंधेरों से लड़ता है नन्हा दीपक मेरा
नूरानी बातें करता है नन्हा दीपक मेरा
चौकसी करता है मेरे हुजरे की अकेले ये
आंगन रौशनी भरता है नन्हा दीपक मेरा
नन्ही चींटी हाथी को मार सकती है जैसे
रात के पर कतरता है नन्हा दीपक मेरा
चांद तारे छुप जाते हैं लेकिन फ़र्ज़ से नहीं
अमावस को मुकरता है नन्हा दीपक मेरा
सहता है थपेड़े ये आंधियों के, बारिशों के
नहीं किसी से डरता है नन्हा दीपक मेरा