पलट जाना चाहिए

रास्ते से पलट जाना चाहिए
शाम ढले घर जाना चाहिए

कहते हैं शोर मचाने के बाद
आपको चुप हो जाना चाहिए

और क्या मिलेगा हमको यहां
जीने का कोई बहाना चाहिए

वो आएँ न आएँ मर्ज़ी उनकी
हमें तो अहद निभाना चाहिए

तीर आंखों में लिए फिरते हैं वो
शिकार को निशाना चाहिए

बिस्तर की सिलवटें कहती हैं
इन्हें ख़्वाब वही पुराना चाहिए

Subscribe to Blog via Email

Receive notifications of new posts by email.

Leave a comment

%d bloggers like this: