था कठिन औ’ अँधेरा सफ़र
चला उम्र भर लंबा सा सफ़र
साथ चलते थे कई काफ़िले
लगा जाने क्यूँ तन्हा सफ़र
रौशनी राह में कम तो न थी
दिया दिखाई अँधा सफ़र
फूल ही फूल थे राहों में
लगा कांटो से भरा सफ़र
दिखायेगा हमें राह क्या वो
जिससे देखा नहीं गया सफ़र
हर कदम पर मिली मौत हमें
पूछते क्या हो था कैसा सफ़र