मेरे सीने पे सर रखो और सो जाओ
इक ऐसी हसीं रात मुझे देते जाओ
ज़माने भर के ग़म यूँ मुझे दो जानाँ
बस मुझे देख के इक बार मुस्कुराओ
इन्तज़ार का ईनाम दो मेरी बाँहों को
आज तुम इनमें देर तक कसमसाओ
सात जन्म कौन निभाता है अब यहाँ
चलो पल भर के लिए मेरी हो जाओ
उसकी मौत उसे पैग़म्बर बना देगी
‘ओझल’ के हौसले मत आज़माओ