जीते जी ज़िन्दगी को तरस गए
एक कतरा खुशी को तरस गए
हमीं लाए थे सबके लिए शराब
हमीं एक चुस्की को तरस गए
मिली होश में आने की सज़ा हमें
ता-उम्र उस बेखुदी को तरस गए
मसरूफ़ रहे हम मकां बनाने में
बच्चे हमारी हंसी को तरस गए
तुम बिन हमारा हाल हुआ कुछ यूं
चिराग थे, रोशनी को तरस गए