कोई दर्द नहीं है, थकान तारी है
सफ़र सदियों रहा, और जारी है
तुम्हारे बग़ैर जो गुज़री है हम पर
ज़िन्दगी में वो एक रात भारी है
इक कतरा तन्हाई से घबराने वाले
हमसे पूछ ये उम्र कैसे गुज़ारी है
कोई दर्द नहीं है, थकान तारी है
सफ़र सदियों रहा, और जारी है
तुम्हारे बग़ैर जो गुज़री है हम पर
ज़िन्दगी में वो एक रात भारी है
इक कतरा तन्हाई से घबराने वाले
हमसे पूछ ये उम्र कैसे गुज़ारी है