आज हँसो खुल के
उदास है मुझसे
शायद मेरी ज़िंदगी
आज कुछ ना कहो
मुझे सुनायी दे रही है
टूटती मेरी ज़िंदगी
आज मूँद लो आँखों
हाँ! देख रहा हूँ मैं
बिखरती हुई ज़िंदगी
आज फेर लो मुँह
सँवरने लगी है मेरी
बेढंगी उदास ज़िंदगी
आज मत रोको मुझे
समेट रहा हूँ मैं अपनी
टुकड़े टुकड़े ज़िंदगी