ये दिन भी ज़िन्दगी ने दिखाए हैं
आंसू भरी आंखों से मुस्कुराए हैं
बाद तेरे हम अपनी ही बात पे
अक्सर खीजे हैं, झुंझलाए हैं
ज़रूर कोई भूल राहों की होगी
हम रौशनी में जो लड़खड़ाए हैं
कुछ हमारी सुन लो हमने भी
जवानी में बड़े गुल खिलाए हैं
ज़माना नहाया है सौ रंगों में
जबसे हम तेरे रंग में नहाए हैं
कोई देखेगा तो सोचेगा क्या
इस सोच ने बड़े घर जलाए हैं