दीवारों से घिर गया था मैं
एक घर बनाने चला था मैं
मेरी कहानी अधूरी ही रही
एक किरदार ढूँढता था मैं
शिकायतें थीं उसे मुझसे बहुत
और ये भी कि अच्छा था मैं
रूह तड़पती रह गई मेरी
अपने बदन में फँसा था मैं
लड़ाई ख़ुद से थी मेरी और
दूसरों से लड़ रहा था मैं
किसी से कोई गिले नहीं
ख़ुद कौन सा पारसा था मैं
हाँ कुछ याद आ तो रहा है
तुझसे कभी मिला था मैं
देर तक समझाया उसे मैंने
उसे देर से समझा था मैं
मैं जो अपनी तरफ़ भी ना था
उसे यक़ीं कि उसका था मैं