ऊँगली मेरे बालों में फिराना दोबारा
मैं ज़िंदा हूँ एहसास दिलाना दोबारा
तुम्हारी ख़ुशबू मेरे दर पे दस्तक देगी
मेरे ख़त को होंठों से लगाना दोबारा
हाँ अब मेरे नहीं तुम मगर ऐसा भी क्या
कि देख के मुझे नज़रें चुराना दोबारा
सच कहता हूँ मेरी जाँ निकल जाएगी
जो तुमने कह दिया मुझे “जानाँ” दोबारा
इस बेहिस दुनिया से थक गया ‘ओझल’
आज इक बार फिर मुस्कुराना दोबारा