अब कौन ऐसे पागल होता है
बादल फिर भी बादल होता है
राजा अपने महल को जाते हैं
बेचारा सैनिक घायल होता है
जंगल में इंसान मिलें न मिलें
इंसानों में भी जंगल होता है
देख के कमल को खुश ना हो
उसके नीचे दलदल होता है
होठों पर सजी होती है हँसी
बहता बहता काजल होता है
हमसे पूछो शाम ढले यारों
दिल कितना बोझल होता है
शहर हमारा जलता होता है
महल तुम्हारा रौशन होता है
पास आ जाती है जब मंज़िल
घर का रास्ता ओझल होता है