इसके बाद

ज़िन्दगी में इक तेरे आने के बाद
मिला जहां, जहां भुलाने के बाद

क्या कहें नींद क्यूं नहीं आती हमें
ख़्वाब अपने दफनाने के बाद

दीवाना यूं ही मर जाता गुमनाम
हुआ मशहूर पत्थर खाने के बाद

खुशी मिलती है खुशी देने से ही
रंग लाई हिना मिट जाने के बाद

लौट के घर तन्हा मैं रोया बहुत
महफ़िल में सबको हंसाने के बाद

बलाएँ हर लेती है चूम के पेशानी
मां इक दुआ बुदबुदाने के बाद

है गुरूर समंदर होने पर तो देखना
हश्र मेरी प्यास से टकराने के बाद

नहीं जाते गर जानते क्या होगा
हाल हमारा शहर जाने के बाद

ये किसने शर्त ए रोजगार रखी है
रोटी मिलेगी खू्ॅं जलाने के बाद

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