कहना तो लाज़मी है कैसे कहें
लब पे बात थमी है कैसे कहें
तुम्हारे बाद हरेक शय में जैसे
इक तुम्हारी कमी है कैसे कहें
फिर ना माँगेंगे तुमसे कुछ और
ये बोसा आख़िरी है कैसे कहें
तुम जो दूर से मुस्कुरा देते हो
जी पे क्या बीतती है कैसे कहें
ये हर शाम का इंतज़ार तुम्हारा
बड़ी उदास तीरगी है कैसे कहें
उस एक शख़्स के जाने भर से
हमपे क्या गुज़री है कैसे कहें