मिट्टी के घरौंदे बनाते मेरे शहर के लोग
बारिश में हैं पछताते मेरे शहर के लोग
करने को कोई काम नहीं, बैठे हैं खाली
बातें बड़ी बड़ी बनाते मेरे शहर के लोग
नहीं है मालूम अपने पड़ोसियों के नाम
दुनिया को अपना बताते मेरे शहर के लोग
सोशल मीडिया पे देते सबको बड़ा ज्ञान
काम किसी के ना आते मेरे शहर के लोग
ये मत खाओ, वो मत पहनो, इसे ना देखो
हर जगह पाबंदी लगाते मेरे शहर के लोग
माथे हाथों की रेखाओं पे डालते दोष सारे
विश्वगुरु ज्ञानी कहलाते मेरे शहर के लोग