सिर्फ़ पत्थर नहीं, इन में पानी भी तो है
दिलों की कोई अपनी कहानी भी तो है
आज हिक़ारत से जो देखते हैं तो क्या
इसी बहाने शक्ल पहचानी भी तो है
सिर्फ़ पत्थर नहीं, इन में पानी भी तो है
दिलों की कोई अपनी कहानी भी तो है
आज हिक़ारत से जो देखते हैं तो क्या
इसी बहाने शक्ल पहचानी भी तो है